साइकिल का आविष्कार किसने किया ? कहानी साइकिल की

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

“साइकिल” ये एक ऐसा शब्द है जिससे लगभग कोई अनजान नहीं. लेकिन बहोत से लोग इस बात से अनजान है की साइकिल का आविष्कार किसने किया ?

साइकिल का आविष्कार किसने किया

इस बात का सही और विस्तृत जवाब तो बहोत लंबा है लेकिन सक्षिप्त में कहा जाए तो साइकिल का आविष्कार स्कॉटलैंड के रहने वाले एक लौहार किर्कपैट्रिक मैकमिलन (Kirkpatrick Macmillan) ने सन 1839 में किया था.

कहा जाता है की भले ही किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने 1839 में साइकिल की खोज की हो लेकिन इससे पहले भी साइकिल का वजूद अस्तित्व में आ चूका था. हांलाकि वो साइकिल वैसी नहीं थी जैसी की किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने बनाई थी. असल में उस साइकिल को आगे की ओर चलाने के लिए चालक को अपने पैरो से पीछे की तरफ धक्का देना पड़ता था फिर साइकिल आगे की और चलती थी.

बाद में किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने इसमें मुलभुत तरीके से ऐसा सुधार किया और इसके पहियों को सही जगह लगाकर और बैठकर चलाई जा सके ऐसी साइकिल की खोज की.

अन्य एक वायका के अनुसार सन 1817 में जर्मनी के बेरन फोन ड्रेवीस नामक शख्स ने साइकिल की रुपरेखा तैयार कर पहली लकड़ी की साइकिल बनाई थी जिसका नाम साइकिल नहीं बल्कि ड्रेसियेन रखा गया था.

कहा जाता है की इस ड्रेसियेन नामक लकड़ी के वाहन को 15 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाया जा सकता है.

हांलाकि यहाँ साईकिल के शोधक की कहानी पूरी नहीं होती. ऐसा भी कहा जाता है की इससे भी बहुत पहले सन 1763 में फ्रांस के पियरे लैलमेंट ने साईकिल की खोज की थी.

हांलाकि साइकिल पर बैठकर चलाई जाने वाली सही साइकिल किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने बनाई थी इसलिए साइकिल के मुख्य आविष्कारक उन्हें ही माना जाता है.

भारत में साइकिल का अस्तित्व

साईकिल की खोज भले की विश्व के अन्य देश में हुई हो लेकिन बावजूद इसके भारत में साईकिल का विशेष महत्व होता था और अब भी है. 1947 में भारत की आज़ादी के बाद देश में यातायात के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित वाहन साईकिल ही था.

ये दौर आज़ादी के बाद कई दशकों तक चलता रहा और लोग शौक से साईकिल चलाते रहे. विशेष रूप से 1960 से 1990 तक भारत का साईकिल का विस्तृत उपयोग होता था.

लगभग हर घर और परिवार में एक साईकिल होती थी. इतना ही नहीं उस समय किसान भी अपनी खेत पैदावार को मंडी तथा बाजारों तक लाने के लिए और दूध वगैरा जैसी जीवन जरुरी सामग्री लाने ले जाने के लिए साईकिल का ही उपयोग करते थे.

खासकर पोस्ट विभाग के कर्मचारी, गैस सिलिंडर की डिलीवरी करने वाले आने जाने के लिए साइकिल का ही उपयोग करते थे.

हांलाकि बाद में नई पीढ़ी ने साईकिल छोड़ना शुरू किया और यातायात के लिए तरह तरह की मोटर साईकिल चलाना शरू किया. बावजूद इसके अब भी भारत भर में साईकिल चलाने वाला वर्ग मौजूद है. और शायद ये ही वजह है की विश्व में सबसे ज्यादा साईकिल उत्पादन करने वाले देशो में चीन के बाद भारत का नाम आता है.

साइकिल का आधुनिक स्वरूप

समय के चलते साइकिल के मुलभुत डिज़ाइन में थोड़ा बहोत बदलाव करके उसे आधुनिक बनाया गया. साइकिल के मुख्य पुर्जे जैसे हवा भरने वाले टायर, ट्यूब की जगह ट्यूबलेस टायर, डायनेमो की जगह टोर्च, इंडिकेटर, पैदल की जगह बैटरी एक्सिलरेटर से चलने वाली साइकिल अब आम होती जा रही है.

साइकिल बनाने वाली कंपनियां

आज के समय में साइकिल का आविष्कार किसने किया इस बात का महत्व नहीं बल्कि लोग साइकिल किस कंपनी की है उसे देखकर खरीदते है.

जैसा की हम जान चुके है की विश्वभर में साइकिल का सबसे ज्यादा उत्पादन चीन में होता है तो जाहिर सी बात है की साइकिल बनाने वाली सबसे मशहूर कंपनी भी चाइनीज होगी.

चीन की “फ़्लाइंग पिजन” विश्व में सर्वाधिक साइकिल का उत्पादन करने वाली कंपनी है. वहीँ भारत में हीरो, एटलस, हरक्यूलस, एवन जैसी पुरानी कंपनिया भी अस्तित्व में है या थी.


FAQ

साइकिल का आविष्कार किसने किया और कब हुआ

विकिपीडिया के अनुसार साइकिल के आविष्कार अलग अलग समय पर अलग अलग व्यक्ति रहे है. और उन्होंने अपने अपने तरीके से इस आविष्कार में योगदान दिया था.

हांलाकि साइकिल पर बैठकर चलाई जाने वाली सही साइकिल किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने बनाई थी इसलिए साइकिल के मुख्य आविष्कारक उन्हें ही माना जाता है.

1763 पियरे लैलमेंट
1817 बैरन फ़ॉन ड्रेविस
1839 किर्कपैट्रिक मैकमिलन

साइकिल का आविष्कार कब हुआ

सन 1763 पियरे लैलमेंट
सन 1817 बैरन फ़ॉन ड्रेविस
सन 1839 किर्कपैट्रिक मैकमिलन

साइकिल का आविष्कार किस देश में हुआ

फ्रांस 1763 पियरे लैलमेंट
जर्मनी 1817 बैरन फ़ॉन ड्रेविस
स्कॉटलैंड 1839 किर्कपैट्रिक मैकमिलन

ये पोस्ट भी देखें

HindiSpeak टीम की साइकिल का आविष्कार किसने किया पोस्ट आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें

साथ ही यहाँ 5 स्टार रेटिंग भी दीजिए.

5/5 - (6 votes)

Leave a Comment

WhatsApp ગ્રૂપમાં જોડાવો!