99 सिक्कों की कहानी – Motivational Kahani Hindi

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Motivational Kahani Hindi – एक शहर में बहुत ही अमीर व्यापारी रहता था. व्यापारी का चावल का बहुत बड़ा कारोबार था.

इतना बड़ा की वह देश विदेश में भी अपने चावल बेचता था.

इसके अलावा उसके पास शहर में कई बड़े-बड़े खेत थे जिसमें चावल उगाए जाते थे.

साथ ही नदी किनारे उनके कई नारियल के भी पेड़ थे.

इससे उनकी कमाई दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ती ही जा रही थी.

इतनी ज्यादा दौलत होने के बावजूद भी उसका मन कंजूस था.

वह हर रोज अपने मुनीम जी के साथ चावल के खेत में जाता और सारा हिसाब किताब देखता.

एक दिन जब वह अपने मुनीम के साथ चावल के गोदाम में गया तो उसने सारा हिसाब किताब करवाया.

चलते-चलते जब उसने देखा कि गोदाम में अभी भी इतनी जगह बाकी है जहां 400 – 500 बोरी अनाज रखा जा सकता था.

तो उसने आदमियों से कहा कि अभी खेत में और चावल उगाने का काम शुरू कर दो.

इसी तरह जब वह अपने नारियल के पेड़ देखने गया तो वहां पर भी उसने देखा कि थोड़ी बहुत जगह अभी भी खाली है.

उसने आदमियों से कहा कि यहां नारियल के कुछ और पेड़ लगाने चाहिए जिससे यह जगह नारियल के पेड़ो से पूरी भर जाए और इससे नारियल भी ज्यादा उगेंगे ताकि हम ज्यादा पैसे कमा सकें.

कुल मिलाकर व्यापारी का मन लालच से भरपूर था. और जितनी कमाई वह कर रहा था उससे संतोष नहीं था.

एक दिन व्यापारी अपने विश्वासु साथी के साथ चावल के खेत में टहल रहा था.

तो उसने देखा कि थोड़े दूर एक झोपड़ी बनी हुई थी. जिसमें एक छोटा बच्चा और उसके पिता गुब्बारे से खेल रहे थे.

दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे. यह देखकर व्यापारी ने अपने साथी से कहा कि ..

वो कौन है ..

यह शख्स कौन है ? और इसका किस चीज का व्यापार है ?

उसने कहा कि ..

इसके घर के आगे ही छोटा सा खेत है.

जिसमें साल में ज्यादा से ज्यादा 10 बोरी चावल की खेती करता है. और इसी से उसका गुजारा चलता है.

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यह सुनकर व्यापारी को बड़ा आश्चर्य हुआ.

उसने अपने साथी से कहा कि ..

यह आदमी सिर्फ 10 बोरी चावल की खेती करके भी कीतना खुश है ? भला मेरे पास तो हजारों बोरी चावल का व्यापार, हजारों नारियल का व्यापार है, अनगिनत दौलत ..

फिर भी मैं इसकी तरह खुश क्यों नहीं रह सकता ?

साथी ने बताया कि ..

इसका जवाब पाने के लिए आपको एक थैली में सोने के 99 सिक्के भर कर चुपके से उस गरीब किसान के घर में रखने होंगे

इस पर व्यापारी ने कहा ..

जब तुम इसका जवाब जानते ही हो तो तो मुझे बता क्यों नहीं देते ? 99 सिक्कों का माजरा क्यों ?

साथी ने कहा कि ..

मैं अगर अभी आपको जवाब दे भी दूं फिर भी आप मानोगे नहीं. इसलिए आपको इस सवाल का इसी तरह जवाब खुद ही ढूंढना पड़ेगा

व्यापारी ने कहा ..

ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है कि गरीब किसान के घर में 99 सिक्कों की थैली तुम्हें रखनी होंगी

इस व्यापारी के साथी ने भी हां कही.

फिर एक रात चुपके से वो गरीब किसान के घर में गया और उसकी टोकरी में 99 सिक्को की थैली रख दी.

अगले दिन सुबह उठकर जब गरीब किसान ने अपना काम शुरू करना चाहा तो देखा कि उसकी टोकरी में एक थैली पड़ी हुई है.

उसने थैली खोलकर देखा तो थैली में सोने के कई सारे सिक्के थे. – Motivational Kahani Hindi

इतना सारा धन ..

गरीब किसान सारी जिंदगी मेहनत करता तो भी इतना धन नहीं कमा सकता था.

एक साथ इतने सारे सिक्के मिलने से उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.

वो थैली लेकर घर में गया और एक कोने में छुपकर सिक्कों को गिनने लगा.

सभी सिक्के गिनने के बाद पता चला कि उसमें 99 सोने के सिक्के थे.

किसान को लगा थैली में जरूर 100 सिक्के होने चाहिए, शायद उससे गिनने में भूल हुई है.

इसलिए किसान ने दोबारा सिक्के गिने. लेकिन इस बार भी 99 सिक्के हुए.

ऐसा उसने और दो बार सिक्के किया और सभी बार 99 सोने के सिक्के ही निकले.

किसान को वहम हुआ कि थैली में 99 सिक्के ही होने चाहिए. हो सकता है हड़बड़ाहट में एक सिक्का इधर उधर गिर गया हो.

इतना सोचकर किसान सभी जगह एक सोने का सिक्का ढूंढने लगा.

लेकिन उसे कहीं सिक्का नही दिखा.

आखिर में उसने सोचा कि क्यों ना एक सिक्का जमा करके पूरे 100 सिक्के कर दिए जाए. जिससे कभी भविष्य में जरूरत पड़ने पर सिक्के काम में लाए जा सके.

अगले दिन से ही गरीब किसान ने एक सिक्का जमा करने का काम शुरू कर दिया.

उसने अपने बच्चे के खिलौने और बीवी की जरूरत का सामान लेने से भी इनकार कर दिया.

जिससे उस बचत में से एक सोने का सिक्का बना सके.

लेकिन फिर भी सोने का सिक्का बनाने के लिए पूरे पैसे जमा नहीं हुए.

इसलिए वह व्यापारी के चावल के गोदाम पर गया और वहां जाकर कहा ..

मुझे आपके चावल के गोदाम में मजदूरी करनी है जिससे में पैसे कमा सकूं.

व्यापारी ने उसे काम दे दिया.

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मन ही मन व्यापारी देख रहा था कि शांति और आराम से रहने वाला यह गरीब किसान अब शांति से नहीं रह रहा था और धन की लालसा ने उसके जीवन में तूफान मचा दिया था.

एक रात व्यापारी चुपके से गरीब किसान के घर पर गया तो देखा कि गरीब किसान और उसकी पत्नी झगड़ रहे थे.

उसके घर में अब कोहराम मच चुका था और ये सब कुछ सिर्फ एक सिक्के की लालच ने करवाया था.

अब व्यापारी को समझ में आ गया कि उसकी जिंदगी में भी शांति और आराम किस चीज से समाप्त हो गया है.

अगले दिन व्यापारी गरीब किसान के घर गया और उसे कहा कि..

दोस्त, मुझे माफ कर देना तुम्हारे घर की शांति और आराम बर्बाद करने में मेरा ही हाथ है. यानी कि तुम्हें सोने के सिक्कों की जो थैली मिली थी वो मैंने ही रखवाई थी. क्योंकि मुझे यह जानना था कि क्या सोने और पैसों की लालच जीवन में खुशी और शांति को नुकसान पहुंचा सकती है ? और मैंने यह सबक सीख लिया है कि जिंदगी में पैसा कमाना ही सब कुछ नहीं होता. लेकिन अपनों के साथ शांति से बिताए आरामदायक पल ही असली खुशी होती है. – Motivational Kahani Hindi

इस पर गरीब किसान ने व्यापारी का शुक्रिया अदा किया.

क्योंकि उसे बहुत जल्दी ही यह सीख मिल चुकी थी.

दोनों ने अपनी जरूरत से ज्यादा पैसे को जमा करके शहर में एक स्कूल खुलवा दिया.


सीख / Motivational Kahani Hindi

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है वो यहां अलग से लिखने की जरूरत नहीं है.

क्योंकि हमारे जिस भी पाठक ने यह पूरी कहानी पढ़ी है उसे मालूम हो ही चुका है कि जीवन की शांति और खुशी किस चीज में है.


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